लेखनी प्रतियोगिता -14-Mar-2023 कुछ पुरानी तस्वीरें
वक्त के आइने में देखता हूं
जब कुछ पुरानी तस्वीरें
तो यकीं नहीं होता है
ना स्वय॔ पर और ना वक्त पर ।
कितना कुछ बदल जाता है
समय के साथ साथ
कुछ बनती कुछ बगड़ती सी लगती हैं
कुछ टली हुई सी लगती हैं
तेरी मेरी सबकी बात ।
शादी के समय का फोटो
अचानक मेरे सामने आ गया
अपने घुंघराले बालों को देखकर
मैं एकदम से चकरा गया
तब मूंछें भी हुआ करती थी
जो अपनी बादशाहत को बयां करती थीं
मगर अब ना बाल बचे हैं ना मूंछें
अब तो हिलाने को रह गई हैं बस पूंछें
जो कभी बीवी के सामने हिलती है
कभी बॉस के मूड के अनुसार उठती दुबकती है
श्रीमती जी तब कितनी पतली दुबली थीं
जैसे मोगरे की कोई खिलती सी कली थीं
अब वे भी फूलकर गुब्बारा बन गई हैं
जैसे चांदनी चौक का फव्वारा बन गई हैं
मां बाबूजी अब इस दुनिया में नहीं हैं
पर ऐसा लगता है कि वे यहीं कहीं हैं
दूसरे सगे संबंधी भी अब नहीं रहे
इस बीच कुछ खुशियां आईं कुछ गम भी सहे
शादी से लेकर आज तक कितना कुछ बदल गया
गृहस्थ रूपी गाड़ी खींचने में सारा दम निकल गया
अब तस्वीर में बदलाव आ गया है
जहां हम होते थे वहां बेटे बहू का फोटो आ गया है
मां बाप की जगह अब हमने ले ली है
कुछ इस तरह से हमने गृहस्थी की पारी खेली है
श्री हरि
14.3.23
Shashank मणि Yadava 'सनम'
15-Mar-2023 07:29 AM
यही जीवन का सच है sir लेकिन आपने जिंदगी की पारी काफी बेहतरीन तरीके से खेली है
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Hari Shanker Goyal "Hari"
15-Mar-2023 08:29 AM
बहुत बहुत आभार मित्र 🙏🙏
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
15-Mar-2023 07:29 AM
बहुत ही सुंदर और भावनात्मक अभिव्यक्ति
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Hari Shanker Goyal "Hari"
15-Mar-2023 08:29 AM
🙏🙏
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Renu
14-Mar-2023 10:49 PM
👍👍🌺
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Hari Shanker Goyal "Hari"
15-Mar-2023 08:29 AM
🙏🙏
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